जानें कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाते हैं और दही हांडी क्यों फोड़ी जाती है?
यह त्योहार भगवान कृष्ण के जन्मदिवस के उपलक्ष्य मे बनाया जाता है। कृष्ण विष्णु जी के अवतार है जिन्हें मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग दिखाने के लिए धरती पर भेजा गया था।
भगवान कृष्ण का जन्म:
भगवान कृष्ण ने अपने जीवनकाल में कई राक्षसों का वध किया और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बन गए।
बुराई पर अच्छाई की जीत:
यह त्योहार लोगों को आध्यात्मिक जागरण और भगवान के प्रति भक्ति भाव जगाने का अवसर प्रदान करता है।
आध्यात्मिक जागरण:
कृष्ण जन्माष्टमी भारत की सांस्कृतिक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और सामाजिक बंधनों को मजबूत करता है।
सांस्कृतिक महत्व:
भगवान कृष्ण बचपन में बहुत नटखट थे और उन्हें माखन बहुत पसंद था। वे गोकुल के गोपियों के घरों से माखन चुराया करते थे। दही हांडी फोड़ने की परंपरा इसी घटना से जुड़ी है।
भगवान कृष्ण की लीलाएं:
दही हांडी फोड़ने के लिए एक टीम को मिलकर काम करना होता है। यह हमारे अंदर शक्ति, एकता और टीम वर्क का भाव पैदा करता है।
शक्ति और टीम वर्क:
दही हांडी फोड़ने से उत्सव का माहौल बनता है और लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर जश्न मनाते हैं।
उत्सव का माहौल:
कृष्ण जन्माष्टमी केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक अनुभव भी है। यह हमें भगवान कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरित होने का अवसर देता है।